Tuesday 22 November 2011

एक उत्तर प्रदेश के भारतीय का खुला पत्र राहुल गाँधी के नाम.......................


श्री राहुल गाँधी जी मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि आप देश के बड़े राज (?) परिवार से संबंध रखते हैं परन्तु आपके भाषणों से समृद्ध एवं वैभवशाली भारत के निर्माण की नहीं बल्कि भारत वर्ष को विभाजित करने वाली भाषा सुनाई देने लगी है... कृपया अपने शब्दों को या अपने पी.आर. एजेंसी को थोड़ा शहद घोलने को सलाह दीजिये। अगर आपको उत्तर प्रदेश वासियों (भिखारियों) की इतनी चिंता है तो आप सरकार एवं प्रदेश के सरकारी विभागों की आलोचना करे बिना अपने नाम से एक संस्था बना कर जन जन तक सुविधाएं एवं शिक्षा प्रदान करा सकते हैं, इसी के साथ आप अन्य आवश्यकताओं के लिए भी इन प्रदेश वासियों का सहयोग कर सकते हैं।

मैं सेकुलरी भाषा का प्रयोग करते हुए आपको याद दिलाना चाहूँगा कि " उत्तर प्रदेश के अयोध्या से राजा राम चंद्र जी  ने समस्त भारत व समूचे विश्व का शासन किया था " एवं उनके अनुज " भरत ने अपने पुत्रों तक्ष एवं पुश्क को वर्तमान अफगानिस्तान भेज दो नगरों के निर्माण का आदेश दिया था जिनका नाम पुत्रों के नाम पर तक्षशिला एवं पुष्कलावती रखा गया।
अगर आगे बढें तो द्वारका के अवशेषों से " श्री कृष्ण " के जीवन की पुष्टि होती है जो महाभारत के सूत्रधार थे हस्तिनापुर (निकट मेरठ) से समस्त भारत वर्ष का संचालन किया गया था हस्तिनापुर के राजा " भरत " के नाम पर हमारे देश का नाम " भारत " पड़ा। खांडवप्रस्थ के जंगलों में बने राजमहल से शेष राज्य को युधिष्ठिर ने चलाया जो इन्द्रप्रस्थ कहलाया। युधिष्ठिर एवं दुर्योधन के बीच होने वाला युद्ध " महाभारत " भी उत्तर प्रदेश की मिट्टी का साक्षी बना। उत्तराखंड की भूमि जो समस्त भारत में " देव भूमि " के नाम से जानी जाती है उत्तर प्रदेश का भाग रही। खांडवप्रस्थ के जंगलों मैं बने राजमहल से शेष राज्य को युधिष्ठिर ने चलाया जो इन्द्रप्रस्थ कहलाया। महाभारत के पश्चात राजा युधिष्ठिर के वंशजों में ३० सम्राटों ने १७७० वर्ष, ११ माह, १० दिन राज किया, उसके पश्चात रजा विश्वा के की १४ पीढ़ियों ने ५०० वर्ष, ३ माह, १७ दिन राज किया वहीँ वीरमाह की १६ पीढ़ियों ने ४४५ वर्ष, ५ माह, ३ दिन राज किया ... तत्पश्चात अदित्यकेतु के राज में मगध से राजधानी के संचालन के लिए राजधानी को इन्द्रप्रस्थ से मगध ले जाया गया।

मैं एक उत्तर प्रदेश का नागरिक होने के नाते आपके " भिखारी " शब्द के प्रयोग से अत्यंत आहत हुआ हूँ। मैं यह भी जनता हूँ कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले राजस्व जमा करने में अधिक आगे हैं परन्तु इस कारण मैं उत्तर प्रदेश के विभाजन का समर्थन नहीं करता मेरा यह मानना है एक बेहतर नेता इस व्यवस्था का समाधान निकाल पूरे राज्य की समस्या हल कर सकता है। इस प्रदेश में समस्त भारत की आत्मा निहित है। आज के युग की बात की जाए तो विश्व पटल पर F1 रेस सर्किट बना दुनिया में अपना नाम कर देने वाले जयप्रकाश उत्तर प्रदेश के हैं एवं यह सर्किट भी नॉएडा, उत्तर प्रदेश में ही स्थित है, वही दूसरी ओर अन्तराष्ट्रीय स्तर पर के कंपनी (DLF) के स्वामी के.पी. सिंह भी जिला सिकंदराबाद के निवासी हैं, युवाओं की दुनिया के सितारे अमिताभ बच्चन, विशाल भारद्वाज, राजू श्रीवास्तव, प्रियंका चोपड़ा, कैलाश खेर, आदि भी...

इतिहास के पन्नों से कुछ निकालूं तो सर्वप्रथम अंग्रेजो के पतन के लिए सर्वप्रथम विद्रोह उत्तर प्रदेश की भूमि से ही शुरू हुआ था , यह नाम मेरे मस्तिष्क में आते हैं प्रथम स्वतंत्रता सेनानी मंगल पाण्डेय, रानी लक्ष्मी बाई, चंद्र शेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, परमवीर चक्र प्राप्त अब्दुल हामिद, मनोज कुमार पाण्डेय (लेफ्टिनेंट), नायिक जादू नाथ सिंह, मेजर सोमनाथ शर्मा, योगेन्द्र सिंह यादव... परन्तु अगर प्रत्येक क्षेत्र में लिखना शुरू करूँ तो न जाने कितने पन्ने भर जायेंगे परन्तु कलम रुकने का नाम नहीं लेगी।

और इतना ही नहीं आपके परनाना ,नाना ,दादी ,और बाप भी इसी उत्तर प्रदेश की भूमि के द्वारा भारत के भाग्य-विधाता बन बैठे !

मैं आपको याद दिलाना चाहूँगा कि जहाँ आप अपने जीवन में ४१ सावन देख चुके हैं वहीँ आपसे कम उम्र के विवेक ओबेरॉय (३५) फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार विश्व में सर्वाधिक दान करने वाले १० सर्वश्रेष्ठ सेलेब्रिटी में से एक हैं। वह उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में एक आश्रम (जिसमे १७५० बच्चे एवं अधिकतम लड़कियाँ हैं) चला रहे हैं, इसके अलावा मानव आस्था फाउनडेंशन उनके द्वारा चलाया जा रहा है जो वृद्धों की सहायता कर उनके लिए अंतिम इच्छा के रूप में तीर्थों पर जाने की व्यवस्था करवाता है। एक अन्य संस्था " यशोधरा ओबेरॉय फाउनडेंशन " जो उनकी माता के नाम पर पूर्ण रूप से मानव सेवा के लिए समर्पित है से पूर्णतया जुड़े हैं।

इस सूचना से मेरा आश्रय यह था कि जब विवेक ओबेरॉय जैसे कलाकार जिनका जीवन सिनेमा के लिए समर्पित है ऐसे सम्मानीय कार्यों के लिए समय निकाल सकते हैं तो वहीँ आप साक्षात् प्रतिभा हैं और आज कल आपके पास समय का भी अभाव नहीं है तो फिर देरी किस बात की है, परन्तु आप हर मोर्चे पर आलोचना करते दिखाई दिए। आपके मुख से कभी मैंने विकास के लिए किसी नीति का बनाया जाना या भविष्य का भारत कैसा हो नहीं सुना परन्तु सर्वत्र आपके पोस्टर दिल्ली में अवश्य देखता आया हूँ कि युवा कांग्रेस कैसी हो और मीटिंग जापानी पार्क (?) या किसी सुरक्षित क्षेत्र में हो। अगर आप राष्ट्रवादी या देशभक्त है तो आपका जनता के समक्ष आना या एवं वाद विवाद करना ही कर्तव्य होना चाहिए परन्तु आज समस्त युवा भारतीयों के लिए यह जानना आवश्यक है की " यह झिझक कैसी "। हम तो केवल यह चाहते हैं कि युवा आपसे प्रभावित हो, आपसे जुड़े ... परन्तु क्षमा कीजिये ऐसा अवसर आज तक किसी भारतीय को नहीं मिला।

इतिहास ही नहीं वर्तमान भी उत्तर प्रदेश की वीरगाथाओं को गा रहा है परन्तु आप अपनी अज्ञानता के अन्धकार को दीपक नहीं दिखा पा रहे हैं। अगर इंग्लैंड अथवा अमेरिका से शिक्षा प्राप्त करने वाले युवा सफल संचालन कर पाते तो आज उन तथाकथित सभ्य समाज मैं दंगों की स्थिति उत्पन्न न होती। इस भारत देश की समस्याओं को सुलझाने के लिए आपको इस देश की शिक्षा एवं इस देश के इतिहास को पढना आवश्यक है। अत: अंत में मैं आपसे यही याचना करूँगा की जितनी शिक्षा के अधिकार अधिनियम की आवश्यकता देश को है उतनी ही आपको (?) भी है। दुखी मन के मन के साथ इस पत्र को समाप्त करते हुए। 



एक उत्तर प्रदेश का भारतीय ...

6 comments:

  1. बेहद साफ़ साफ़ और सटीक तरीके से आपने अपनी बात रखी है ... आभार !

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  2. उत्साह वर्धन के लिए बहुत धनयवाद मिश्रा जी ...धनयवाद !!

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  3. Too gud.. I wish Mr. Gandhi reads dis ... thank u for penning down da emotions of ol da UP vaasi :)

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  4. शिवम जी हम बिलकुल नए है इस ब्लॉग की दुनिया मे,हमे अभी समझ नहीं आ रहा है की कैसे दूसरों के कमेन्ट को लाइक करे ,या फिर कमेन्ट दे ,या Fallow करे ,Friend बनाए ... अभी हम "ब्लॉग बुलेटिन मे भी गए थे पर कुछ समझ नहीं आया ॥ फेसबूक पर तो बहुत पुराने है पर ब्लॉग पे कुछ समय लगेगा समझने मे !

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  5. are wah rajan bhai ekdum sahi aur sateek shabdon ka prayog kiya hai badhai ho...........

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  6. बहुत बहुत बधाई ब्लॉग की दुनिया में आने के लिए... सटीक और प्रासंगिक लेख.. बधाई

    सेटिंग में जाकर वर्ड वेरिफिकेशन को हटा दें तो कमेन्ट करने में आसानी होगी

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